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प्रेस नोट, दिनांक 6 फरवरी, 2024 संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 के लोकसभा में पारित होने पर उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा का स्टेटमेंट

Gadyal Desk by Gadyal Desk
06/02/2024
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आज का दिन जम्मू कश्मीर के लिए ऐतिहासिक है। लोकसभा ने आज संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया जो पहाड़ी, पदारी, कोली एवं गड्डा ब्राह्मण को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
लंबे समय से यह समुदायइस आरक्षण की मांग कर रहे थे। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया गया है कि इन समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने से गुज्जर, बकरवाल तथा अन्य मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों को उपलब्ध आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गुज्जर, बकरवाल तथा अन्य मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों को पहले जैसा आरक्षण मिल रहा था, उनका आरक्षण वैसा ही रहेगा। नई अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण इस प्रकार प्रदान किया जाएगा कि उन समुदायों पर कोई प्रभाव न पड़े जो पहले से ही अनुसूचित जनजातियों के रूप में सूचीबद्ध हैं।
राज्य सभा में इस विधेयक के पास होने के पश्चात जम्मू कश्मीर प्रशासन आरक्षण पर आवश्यक अधिसूचना जारी करेगी। अधिसूचना द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अनुसूचित जनजातियों की मौजूदा सूची में शामिल लोगों को समान स्तर का आरक्षण मिलता रहे।प्रशासन एक ऐसे जम्मू-कश्मीर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जो संतुलित विकास पर केंद्रित हो और समावेशी विकास के मंत्र के साथ समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित करे।
मैं सभी नागरिकों और समुदाय के बुजुर्गों से भी अपील करता हूं कि वे अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाएं और चंद शरारती तत्वों द्वारा आरक्षण के स्तर के संबंध में फैलाई जा रही किसी भी गलत सूचना का फौरी तौर पर खंडन करें।
मैं इस बात को पुनः दोहराता हूँ कि अनुसूचित जनजातियों की सूची में नए समुदायों को शामिल करने से मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों जैसे कि गुज्जर, बकरवाल तथा अन्य जनजाति समुदायों को उपलब्ध आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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